OYO की शुरुआत
OYO की शुरुआत 2013 में एक बेहद कम उम्र के बिजनेसमैन रितेश अग्रवाल ने की थी. उन्होंने देखा कि भारत में ऐसे लाखों ट्रैवलर्स हैं जिन्हें किफायती, सुरक्षित और साफ-सुथरी रहने की जगह चाहिए लेकिन मिलती नहीं. इसी जरूरत को समझकर रितेश ने “On Your Own Rooms” की नींव रखी. OYO का उद्देश्य था कि कोई भी व्यक्ति बिना किसी एजेंट के, खुद से (On Your Own) होटल ढूंढे, बुक करे और आराम से ठहरे.
OYO में क्या है खास
OYO सिर्फ एक होटल बुकिंग प्लेटफॉर्म नहीं, बल्कि यह होटल मालिकों को तकनीकी सपोर्ट, ब्रांडिंग, स्टाफ ट्रेनिंग और बुकिंग मैनेजमेंट जैसी सुविधाएं भी देता है. इसकी मदद से छोटे होटल भी बड़े नेटवर्क का हिस्सा बन जाते हैं. OYO के होटल्स अब भारत ही नहीं, बल्कि दुबई, मलेशिया, इंडोनेशिया, अमेरिका और यूरोप तक में फैले हुए हैं.
क्यों बना OYO ट्रैवलर्स की पहली पसंद?