नई दिल्ली: हर रात एक अच्छी नींद लेना और सुबह तरोताजा महसूस करना सभी की चाहत होती है। लेकिन कई बार हम इस सुकून को पाने में असफल रहते हैं। मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छी नींद अत्यंत आवश्यक है।
अगर किसी व्यक्ति को पर्याप्त नींद नहीं मिलती, तो वह चिड़चिड़ा हो जाता है, और इसका स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है। इसलिए, रात को अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी है। हालांकि, काम के तनाव और अन्य कारणों से लोग अक्सर नींद से वंचित रह जाते हैं।
आयुर्वेद और योग में 'अच्छी नींद' के लिए कई सुझाव दिए गए हैं। व्यावहारिक जीवन में कुछ बदलाव करके भी हम अच्छी नींद प्राप्त कर सकते हैं। नींद को 'सोना' नहीं कहा जाता, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है।
अच्छी नींद पाने के लिए आपको अपनी दिनचर्या में कुछ बदलाव करने होंगे। जैसे कि सोने का समय निश्चित करना। उदाहरण के लिए, यदि आप रात 9 बजे सोते हैं, तो सुबह 5 बजे उठें। यह क्रम नियमित रूप से पालन करें। रात का खाना खाने के तुरंत बाद सोने से बचें, बल्कि सोने से 2 घंटे पहले हल्का भोजन करें। हल्की दाल और दो रोटी का सेवन करें।
सोने से पहले सिर की तेल से मालिश करें और अनुलोम-विलोम या भ्रामरी प्राणायाम करें। यह मन को शांति प्रदान करेगा।
सोने के कमरे में रोशनी कम करें और रूम फ्रेशनर का उपयोग करें। सोने से पहले मोबाइल फोन का उपयोग कम करें, क्योंकि यह दिमाग को शांत नहीं होने देता। कमरे की सफाई भी जरूरी है। सोते समय पानी से भरा एक गिलास सिर के पास रखें, जो ऑक्सीजन के स्तर को बनाए रखने में मदद करेगा।
सोने के कमरे में पौधे या फूल न रखें, क्योंकि रात में ये कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।